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Keshav Ram Singhal
keshavsinghalajmer@gmail.com
krsinghal@rediffmail.com

Saturday 26 September 2015

वरिष्ठ नागरिक की आयु परिभाषा निर्धारित करने की जरुरत


वरिष्ठ नागरिक की आयु परिभाषा निर्धारित करने की जरुरत
(Need to determine the age definition of senior citizen)


अधिकांश देशों में वरिष्ठ नागरिक या बुजुर्ग व्यक्ति की आयु निर्धारित करने के लिए कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं है. कुछ देशों में 60 वर्ष और अधिक आयु के व्यक्ति को वरिष्ठ (बुजुर्ग) माना जाता है तो कुछ अन्य देशों मंं 65 वर्ष और अधिक आयु के व्यक्ति को वरिष्ठ (बुजुर्ग) माना जाता है. फिलहाल इस सम्बन्ध में कोई संयुक्त राष्ट्र संख्यात्मक मानक कसौटी (UN Standard Numerical Criterian) नहीं है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (UN) बुजुर्गों की आबादी के लिए 60+ वर्ष की सीमा पर सहमत है. बुढ़ापे की परिभाषा के लिए सामान्यतौर पर इस्तेमाल परिभाषाए हैं, पर व्यक्ति कब बुजुर्ग या बूढ़ा हो जाता है पर कोई आम सहमति नहीं है.

1875 में ब्रिटेन में 'The Friendly Societies Act' में बुढ़ापे की उम्र '50 के बाद कोई भी उम्र' परिभाषा के रूप में अधिनियमित की गई, पर ज्यादातर पेंशन योजनाओं में उम्र पात्रता के लिए 60 या 65 साल उम्र मानी गई. भारत में भी सर्वमान्य एक परिभाषा नहीं है. आयकर अधिनियम के अंतर्गत वर्तमान में 60 वर्ष से 80 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को वरिष्ठ नागरिक और 80 वर्ष और अधिक आयुके व्यक्ति को अति-वरिष्ठ नागरिक माना गया है, जबकि कुछ वर्ष पहले 65 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति को वरिष्ठ नागरिक माना जाता था. भारत सरकार का रेल विभाग रेल टिकट और आरक्षण के लिए 58 वर्ष और अधिक आयु की महिला तथा 60 वर्ष और अधिक आयु के पुरुष को वरिष्ठ नागरिक मानकर रेल टिकट किराए में छूट और रेल आरक्षण में आरक्षण-भाग (Reservation quota) प्रदान करती है. भारत सरकार और अधिकांश राज्य सरकारों की सामाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था पेंशन योजनाओं में 60 वर्ष की आयु पात्रता के लिए रखी गई है. एयर इंडिया भारतीय राष्ट्रीयता के वरिष्ठ नागरिक, जो स्थाई रूप से भारत में निवास करते हों तथा यात्रा के दिन जिन्होंने 63 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो, को किराए में रियायत देती है.

भारत में अब पूँजीवाद (Capatalism) धीरे-धीरे अपना पैर पसार रहा है और तकनीक विकास (Technology development) तेजी से हो रहा है. मानव द्वारा किए जाने वाले बहुत से काम अब तकनीक की सहायता से होने लगे हैं और मानव निर्भरता (Human-dependance) कम हो रही है. परिणाम सामने है - रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं. लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है, अनिवार्य या स्वैच्छिक सेवानिव्रति (Compulsory or voluntary retirement) दी जा रही है. ऐसे में अब 55 वर्ष और अधिक आयु को वरिष्ठ नागरिक की एक सर्वमान्य परिभाषा के रूप में निर्धारित करने की जरुरत महसूस हो रही है.

आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय अवश्य रखें.

इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि वरिष्ठ नागरिक की एक सर्वमान्य परिभाषा बनाने के लिए सरकारी-तन्त्र पर दवाब बन सके. धन्यवाद,

- केशव राम सिंघल

Please CLICK HERE for Senior Citizen Awareness Group.


Wednesday 23 September 2015

बुजुर्गों में होने वाली बीमारी 'अल्जाइमर' (Alzheimer)






पूरे विश्वं में सितंबर माह 'अल्जाइमर्स माह' (Alzheimer's Month) और 21 सितम्बर 'अल्जाइमर दिवस' (Alzheimer Day) के रूप में मनाया जाता है. आमतौर पर 'अल्जाइमर' बुजुर्गों में होने वाली भूलने की बीमारी है, जो मस्तिष्क से जुड़ी होती है. 'अल्जाइमर' से ग्रसित व्यक्ति हर बात भूलने लगता है. यहाँ तक कि कुछ समय पूर्व घटना उसे याद नहीं रहती, नाम और पते याद नहीं रहते, जीवन से जुड़ी घटनाएँ याद नहीं रहती. आमतौर से यह पाया गया है कि 'अल्जाइमर' से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन के अन्तिम पड़ाव पर पहुँच जाता है. विश्वं में भूलने की बीमारी से ग्रसित 70 प्रतिशत बुजुर्ग 'अल्जाइमर' रोग के शिकार होते हैं. इस वर्ष की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्वं में 'अल्जाइमर' से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या 4.6 करोड़ से अधिक है और इस रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या हर 20 वर्षों में दुगुनी हो रही है. भारत में एक अनुमान के अनुसार इस रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या लगभग 40 लाख है.

यह बीमारी क्यों होती है? इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं पता, फिर भी ऐसा माना जाता है कि बढ़ती उम्र और आनुवंशिक कारणों से यह बीमारी होती है जिसमें मस्तिष्क की याददाश्त से जुड़ी तंत्रिकाएँ निष्क्रिय होने लगती हैं. इस बीमारी का प्रारंभिक लक्षण हाल की घटनाओं को भूलने से लगता है. समस्या जब बढ़ती है तो मरीज़ में बोलने की समस्या, आत्म-विश्वास में कमी, मूड में बदलाव, अपनी देखभाल ख़ुद करने में परेशानी आदि देखने को मिलती हैं. इस बीमारी से पीड़ित मरीज सामान रखकर भूल जाते हैं. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे यह रोग भी बढ़ता जाता है. याददाश्त क्षीण होने के अलावा रोगी की सोच-समझ, भाषा और व्यवहार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इस बीमारी से ग्रसित लोगों को देखभाल की जरुरत होती है, इसलिए परिजनों का दायित्व बनता है कि वे उचित देखभाल करें. परिजनों की उचित देखभाल ही ऐसे बुजुर्ग को लम्बी आयु प्रदान करते हैं. यह परिजनों का दायित्व है कि इस रोग के उपचार के लिए इस रोग से ग्रसित बुजुर्ग की दिनचर्या को सहज व नियमित बनाएं, समय पर भोजन, नाश्ता, बटन रहित कुर्ता पजामा, सुरक्षा आदि पर विशेष ध्यान दें. बुजुर्ग का कमरा खुला व हवादार हो. इस रोग से ग्रसित बुजुर्ग की आवश्यकता की वस्तुएं एक स्थान पर रखें. इस रोग से इलाज के लिए कुछ ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं, जिनके सेवन से इस रोग से ग्रसित बुजुर्गों की याददाश्त और उनकी सूझबूझ में सुधार होता है. ये दवाएं रोगी के लक्षणों की तीव्रता को कम करने या दूर करने में सहायक होती हैं.

भारतीय समाज में इस बीमारी के बारे में ज्यादा जागरुकता नहीं है. आमतौर पर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. जरूरत है कि बीमारी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज ना किया जाए, बल्कि उचित डाक्टरी परामर्श लिया जाए.

(संकलित सामग्री)

- केशव राम सिंघल

Tuesday 22 September 2015

INCOME TAX RATES FOR SENIOR CITIZEN AND SUPER SENIOR CITIZENS FOR ASSESSMENT YEAR 2016-17



INCOME TAX RATES FOR SENIOR CITIZEN AND SUPER SENIOR CITIZENS FOR ASSESSMENT YEAR 2016-17

- Keshav Ram Singhal

SENIOR CITIZEN


Senior Citizen is an individual resident who is of the age of 60 years or more but below the age of 80 years at any time during the previous year (i.e. born on or after 1st April 1936 but before 1st April 1956 for AY 2016-17).

Tax Rate for Senior Citizen

(i) Where the taxable income does not exceed Rs. 3,00,000 - Income Tax NIL

(ii) Where the taxable income exceeds Rs. 3,00,000 but does not exceed Rs. 5,00,000 - Income Tax Rate - 10% of the amount by which the taxable income exceeds Rs. 3,00,000 (Less) Tax Credit u/s 87A - 10% of taxable income up to a maximum of Rs. 2000.

(iii) Where the taxable income exceeds Rs. 5,00,000, but does not exceed Rs. 10,00,000 - Income Tax Rate - Rs. 20,000 + 20% of the amount by which the taxable income exceeds Rs. 5,00,000.

(iv) Where the taxable income exceeds Rs. 10,00,000 - Income Tax Rate - Rs. 120,000 + 30% of the amount by which the taxable income exceeds Rs. 10,00,000.

Surcharge: 12% of the Income Tax, where taxable income is more than Rs. 1 crore. (Marginal Relief in Surcharge. if applicable) - Please refer to the Income Tax Rules for Marginal Relief in Surcharge.
Education Cess: 3% of the total of Income Tax and Surcharge.

SUPER SENIOR CITIZEN

Super Senior Citizen is an individual resident who is of the age of 80 years or more at any time during the previous year ( i.e. born before 1st April 1936 for AY 2016-17)

Tax Rate for Super Senior Citizen

(i) Where the taxable income does not exceed Rs. 5,00,000 - Income Tax NIL

(ii) Where the taxable income exceeds Rs. 5,00,000, but does not exceed Rs. 10,00,000 - Income Tax Rate - 20% of the amount by which the taxable income exceeds Rs. 5,00,000.

(iv) Where the taxable income exceeds Rs. 10,00,000 - Income Tax Rate - Rs. 100,000 + 30% of the amount by which the taxable income exceeds Rs. 10,00,000.

Surcharge: 12% of the Income Tax, where taxable income is more than Rs. 1 crore. (Marginal Relief in Surcharge. if applicable) - Please refer to the Income Tax Rules for Marginal Relief in Surcharge.
Education Cess: 3% of the total of Income Tax and Surcharge.


Disclaimer: "All efforts are made to keep the abovementioned contents correct and up-to-date, however, I do not make any claim regarding the information provided as correct and up-to-date."

For more accurate information, please refer to the website of Income Tax Department, Government of India. CLICK HERE for the website of Income Tax Department, Government of India.



Monday 15 June 2015

वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण अधिकार




ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो स्वयं अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं, अपनी संतानों या उत्तराधिकारियो से मासिक भत्ता प्राप्त करने के लिए 'माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007' के प्रावधानों के अधीन कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. यहाँ वरिष्ठ नागरिक से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो 60 वर्ष या अधिक की आयु का/की है.
इस सम्बन्ध में प्रत्येक उपखंड मुख्यालय पर, उपखंड अधिकारी, भरण-पोषण अधिकरण के रूप में सुनवाई करता है, जिसके समक्ष पीड़ित वरिष्ठ नागरिक को आवेदन करना चाहिए.

भरण-पोषण अधिकरण द्वारा पक्षकारों की सुनवाई के उपरांत अधिकतम 10,000 रुपये की राशि तक भरण-पोषण का आदेश कर सकता है.

अधिक जानकारी के लिए 'माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007' के प्रावधानों का अध्ययन किया जाना चाहिए.

कृपया नोट करें कि यह संकलित जानकारी है.

- केशव राम सिंघल

Friday 12 June 2015

एअर इंडिया (Air India) द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को रियायत




एअर इंडिया द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को किराए में रियायत दी जाती है, जिसे आप एअर इंडिया की वेबसाइट के लिंक पर देख् सकते हैं. संक्षेप में रियायत की जानकारी निम्न है:

पात्रता
भारतीय राष्ट्रीयता के वरिष्ठ नागरिक, जो स्थाई रूप से भारत में निवास करते हों तथा यात्रा के दिन जिन्होंने 63 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो.

आवश्यक दस्तावेज
कोई भी वैध फोटो पहचान पत्र, जिसमें जन्म-तिथी हो, जैसे - वोटर पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, एअर इंडिया द्वारा जारी वरिष्ठ नागरिक पहचान पत्र, आदि

डिस्काउंट
सामान्य इकॉनॉमी क्लास के मूल (बेसिक) किराए का 50 प्रतिशत

यात्रा
भारत के भीतर किसी भी क्षेत्र

टिकट वैधता
जारी करने की तारीख से एक वर्ष

अग्रिम खरीद
आवश्यक नहीं. टिकट किसी भी समय खरीदा जा सकता है.

दिनांक/फ्लाइट परिवर्तन, रद्द करना और रिफंड
अनुमति है, शुल्क लगेगा.

कृपया नोट करें कि यह संकलित जानकारी है. कोई भी परिवर्तन संभव है.


- केशव राम सिंघल

Tuesday 2 June 2015

Ageing


Ageing

The world is in the midst of a unique and irreversible process of demographic transition that will result in older populations everywhere. As fertility rates decline, the proportion of persons aged 60 and over is expected to double between 2007 and 2050, and their actual number will more than triple, reaching 2 billion by 2050. In most countries, the number of those over 80 is likely to quadruple to nearly 400 million by then.

Older persons are increasingly seen as contributors to development, whose abilities to act for the betterment of themselves and their societies should be woven into policies and programmes at all levels. Currently, 64 per cent of all older persons live in the less developed regions — a number expected to approach 80 per cent by 2050.


To begin addressing these issues, the General Assembly convened the first World Assembly on Ageing in 1982, which produced a 62-point “Vienna International Plan of Action on Ageing”. It called for specific action on such issues as health and nutrition, protecting elderly consumers, housing and environment, family, social welfare, income security and employment, education, and the collection and analysis of research data.

In 1991, the General Assembly adopted the United Nations Principles for Older Persons, enumerating 18 entitlements for older persons — relating to independence, participation, care, self-fulfillment and dignity. The following year, the International Conference on Ageing met to follow-up on the Plan of Action, adopting a Proclamation on Ageing. Following the Conference's recommendation, the UN General Assembly declared 1999 the International Year of Older Persons.

Action on behalf of the ageing continued in 2002, when the Second World Assembly on Ageing was held in Madrid. Aiming to design international policy on ageing for the 21st century, it adopted a Political Declaration and the Madrid International Plan of Action on Ageing. The Plan of Action called for changes in attitudes, policies and practices at all levels to fulfill the enormous potential of ageing in the twenty-first century. Its specific recommendations for action give priority to older persons and development, advancing health and well-being into old age, and ensuring enabling and supportive environments.

Courtesy Source - UN Website - http://www.un.org/en/globalissues/ageing/index.shtml

"A society for all ages encompasses the goal of providing older persons with the opportunity to continue contributing to society. To work towards this goal, it is necessary to remove whatever excludes or discriminates against them." - 2002 Madrid International Plan of Action on Ageing (para. 19)

Monday 1 June 2015

राजस्थान में बहू से प्रताड़ित हैं एक तिहाई बुजुर्ग महिलाएँ


राजस्थान में बहू से प्रताड़ित हैं एक तिहाई बुजुर्ग महिलाएँ

दैनिक जागरण की विशेष रिपोर्ट

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट

अमूमन सुना जाता है कि सास, बहू पर अत्याचार करती है, लेकिन राजस्थान में कहानी दूसरी है। यहां के 33 जिलों में हुए एक सर्वे के अनुसार करीब एक तिहाई बुजुर्ग महिलाएं अपनी बहु से प्रताड़ित हैं। इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) से जुडे एक एनजीओ एजवेल रिसर्च एंड एडवोकेसी सेंटर की ओर से सर्वे किया गया। राजस्थान के 33 जिलों में यह सर्वे बुजुर्ग महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और कानूनी स्थिति को जानने के लिए किया गया था। सर्वे रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाली बातें आईं। जैसे बुजुर्ग महिलाएं परिवार की सबसे अवांछित सदस्य होती हैं जिनका कोई सम्मान नहीं होता। ये लगातार घर के सदस्यों से प्रताड़ित होती हैं। इनके पास अपना न पैसा होता है, न संपत्ति और न ही यह किसी रोजगार से जुड़ी होती हैं। यह अपने घर की चारदीवारी में सिमटी घरेलू कामकाज में लगी रहती हैं। सर्वे में कहा गया है कि 90 फीसदी महिलाएं आर्थिक रूप से असुरक्षित हैं और हर जरूरत के लिए परिवार के दूसरे लोगों पर निर्भर हैं। 93 फीसदी महिलाओं ने अपनी संपत्ति परिवार के किसी पुरुष के नाम कर दी है।

अधिक जानकारी के लिए देखे दैनिक जागरण की विशेष रिपोर्ट और इस सबंध में नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट पढ़ सकते हैं.

संक्षेप में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार ..........


संक्षेप में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार ..........

- साठ वर्ष से ऊपर प्रत्येक नागरिक को वरिष्ठ नागरिक का दर्जा प्राप्त है, और वे सरकारी सुविधाओं के हक़दार है.
- बैंकों द्वारा सावधि जमा पर वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य ब्याजदर से आधा प्रतिशत अधिक ब्याज दिया जाता है.
- वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे के किराये में चालीस प्रतिशत छूट दी जाती है. महिला वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट 50 प्रतिशत है. रेलवे के अनुसार महिला वरिष्ठ नागरिक वह् महिला है, जिसकी आयु 58 वर्ष हो चुकी है.
- गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक जो अस्सी वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, उन्हें प्रति माह सरकार द्वारा पेंशन दी जाती है .
- आयेकर विभाग के नियम में बदलाव कर अब वरिष्ठ नागरिकों की आयु सीमा घटा कर साठ वर्ष कर दी गयी है .अतः सभी वरिष्ठ नागरिक आयेकर छूट का लाभ ले सकते हैं .उन्हें आयकर की धारा 88D, 88B,तथा 88DDB के अंतर्गत छूट का प्रावधान है. वर्तमान में वरिष्ठ नागरिक को अपनी तीन लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर पर कोई आयकर देय नहीं है. अति वरिष्ठ नागरिक (सुपर सीनियर सिटीजन) जिनकी आयु 80 वर्ष हो चुकी है, उनकी पाँच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर देय नहीं है.
- अक्षम वरिष्ठ नागरिकों की शारीरिक सहायता एवं आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ती की जिम्मेदारी उनकी संतान (बेटा हो या बेटी और पोता पोती )पर डाली गयी है. जिम्मेदारी न निभाने वाली संतान को दंड का प्रावधान रखा गया है. अतः माता पिता भरण पोषण BILL 2007 की धारा 4(1) के अंतर्गत कानूनी सहायता ले सकते हैं .
- भारत सरकार द्वारा जनवरी 13-1999 में बनायीं गयी राष्ट्रिय नीति के अनुसार सभी एयर लाइन्स में वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50% तक की छूट देने की व्यवस्था रखी गयी है .
- बैंकों ने वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए, जो वरिष्ठ नागरिक अपने भवन के मालिक हैं और भरण पोषण के लिए मासिक आए का विकल्प ढूंढ रहे हैं ,उनके लिए पंद्रह वर्षीय रिवर्स मोर्टगेज योजना चलायी गयी है. इस योजना के अंतर्गत गिरवी रखे गए भवन में बुजुर्गों को रहने का अधिकार भी जीवन पर्यंत होगा और बैंक से निर्धारित राशि कर्ज के रूप में मासिक या वार्षिक किश्तों में प्राप्त होती रहेगी. यदि पंद्रह वर्षीय योजना के दौरान भवन मालिक की मौत हो जाती है तो बैंक भवन को नीलाम कर अपना बकाया यानि कुल कर्ज और उस पर ब्याज सहित वसूल कर लेगा, शेष राशि उसके उत्तराधिकारियों को दे देगा. यदि उत्तराधिकारी बैंक के सभी बकाये को स्वयं चुका देता है तो भवन को नीलाम न कर उत्तराधिकारी को सौंप दिया जायेगा .
- भारत सरकार ने परिवार से विरक्त बुजुर्गों के निवास के लिए प्रत्येक शहर में कम से कम एक वृद्धाश्रम बनाने की स्वीकृति दे दी है. .
- सरकारी बसों में कुछ सीटें वरिष्ठ नागरिकों के बैठने के लिए आरक्षित राखी जाती हैं, ताकि सीटों के अभाव में बुजुर्गों को खड़े होकर यात्रा करने पर मजबूर न होना पड़े..
- सभी पब्लिक काउंटरों पर महिलाओं की भांति, वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग लाइन काउंटर के व्यवस्था की जाती है .
- भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा जीवन धारा योजना, जीवन अक्षय योजना, सिनिअर सिटिजन यूनिट योजना, मेडिकल इंश्योरंस योजना जैसी अनेकों योजनाये बुजुर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए चलायी जा रही हैं.
- भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई ने बुजुर्गों के लिए अन्नपूर्णा योजना बनायीं थी. जिसके अंतर्गत प्रति माह दस किलो अनाज मुफ्त देने का प्रावधान किया गया. .
- जो बुजुर्ग समय रहते अपने उत्तराधिकारी अथवा रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक़ मानते हुए अपनी संपत्ति उन्हें स्थानांतरित कर देते है परन्तु बाद में अपने भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यक्ताओ के लिए धन पाने में असफल रहते हैं तो वे टिब्यूनल में अपील कर अपनी जायदाद वापस ले सकते हैं, ओर संपत्ति हस्तांतरण रद्द करवा सकते हैं.
- उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सरल कानूनी ज्ञान माला के अंतर्गत 'वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण संबन्धी अधिनियम' पुस्तिका का प्रकाशन किया है.

धन्यवाद,

केशव राम सिंघल

नोट: यह संकलित सामग्री है.
आपको यह लेख कैसा लगा? अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएँ. धन्यवाद.

वरिष्ठ नागरिकों को दी गई सुविधाएँ और रियायतें




वरिष्ठ नागरिकों को दी गई सुविधाएँ और रियायतें

भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दी गई सुविधाओं और रियायतों पर जानकारी के लिए कृपया मंत्रालय की वेबसाइट का लिंक http://socialjustice.nic.in/consd.php देखें।

धन्यवाद,

केशव राम सिंघल

Sunday 31 May 2015

अपनी बात ....: बुजुर्गो के प्रति उदासीन परिजन और सरकार



अपनी बात ....: बुजुर्गो के प्रति उदासीन परिजन और सरकार
: पिछले दिनों मैं एक पत्रिका पढ़ रहा था, जिसमें एक बुजुर्ग पाठक ने अपंनी व्यथा के साथ एक सोच सामने रखी - "मैं 83 साल का बूढ़ा सरकार से ...

कृपया लिंक http://krsinghal.blogspot.in/2013/03/blog-post.html?spref=bl देखें.

धन्यवाद,

केशव राम सिंघल

धन निवेश के लिए आधारभूत सावधानियाँ



धन निवेश के लिए आधारभूत सावधानियाँ

केशव राम सिंघल


अधिकतर वरिष्ठ नागरिक पेंशन और अर्जित ब्याज आय पर निर्भर रहते हैं. ऐसे अनेक मामले देखने-सुनने को मिलते हैं, जब अनेक लोग अपना निवेश या जमा किया धन खो बैठते हैं. यह इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने धन निवेश/जमा करने से पूर्व आधारभूत सावधानियों पर ध्यान नहीं दिया. वित्तीय बाज़ार (Financial market) में पैसा लगाना अत्यन्त जोखिमभरा कदम हो सकता है. शेयर बाज़ार में जोड़-तोड़, कीमत-खनखनाहट, सर्कुलर ट्रेडिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी प्रवृतियाँ वर्षों से चल रही हैं, जिनपर अभी तक कोई कारगर उपाय नहीं हुआ है, हाँ आधे-अधूरे उपाय जरूर होते रहे हैं पर इनसे निवेशकों को बाज़ार में विश्वास और स्थिरता नहीं मिल पाती है. सरकार के लिए जरुरी है कि वह् वित्तीय बाज़ार को अधिक नियमबद्ध, पारदर्शी, सरल और विश्वसनीय बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए. वरिष्ठ नागरिक के रूप में हमें भी अपने धन को निवेश करने से पूर्व सावधानियाँ बरतनी चाहिए. मैं आपसे धन निवेश करने के लिए कुछ आधारभूत सावधानियों की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूँ.

पहला तथ्य - एक ही योजना अथवा बैंक के चुनाव से बचे

अंग्रेजी कहावत "Don't put all eggs in one basket" धन निवेश करने के लिए हमे सचेत करती है कि हमें एक ही योजना अथवा एक ही बैंक में धन निवेश या जमा करने के बजाय विभिन्न योजनाओं और बैंकों में धन निवेश या जमा करना चाहिए. हमें यह भी जानकारी ले लेनी चाहिए कि अर्जित आय (ब्याज) कर-मुक्त है या उस पर आयकर लगेगा.

दूसरा तथ्य - शेयर बाज़ार से बेहतर म्युचल फंड

यदि आप शेयर बाज़ार के नियमों और उतार-चडाव के बारे में अधिक नहीं जानते हैं तो बेहतर है कि आप शेयर बाज़ार में सीधे निवेश करने से बचें. यदि आप थोडी-बहुत जोखिम ले सकते हैं तो म्युचल फंड (Mutual fund) की योजनाओं में निवेश करना लाभदायक हो सकता है, क्योंकि एक निश्चित अवधि के पश्चात होने वाली आय कर-मुक्त हो सकती है.

म्युचल फंड की योजनाओं की जानकारी के लिए आपको अच्छी और पुरानी उन योजनाओं का चयन करना चाहिए, जिनके परिणाम अच्छे रहे हैं. इसके लिए आपको निष्पादन-विश्लेषण (performance analysis) करना चाहिए.

तीसरा तथ्य - बैंक अथवा पोस्ट-ऑफिस सुरक्षित माध्यम

बैंकों (विशेषकर राष्ट्रीयकृत बैंक) और पोस्ट-ऑफिस की सावधिक जमा योजनाओं में धन जमा करना एक सुरक्षित माध्यम है. हमे धन जमा करने से पहले मिलने वाले ब्याज, अवधि, कर-प्रभावों आदि पर ध्यान देना चाहिए.

अनेक वरिष्ठ नागरिक अपनी समस्त धनराशि कोआपरेटिव बैंक की किसी आकर्षक जमा-योजना में जमा कर देते हैं और ऐसे अनेक मामले देखने को मिलें हैं, जब कोआपरेटिव बैंक के फेल जाने पर समस्त जमा धन डूब जाता है, अत: कोआपरेटिव बैंक में धन जमा करते वक्त अत्यन्त सतर्कता की जरूरत है.

चौथा तथ्य - नॉमिनेशन अवश्य करें

जब भी आप अपना धन किसी भी योजना में निवेश करे या किसी बैंक में जमा कराए, कृपया अपना नॉमिनेशन अवश्य करे, ताकि आपकी असामयिक मृत्यु हो जाने की स्थिति आपके नामांकित व्यक्ति को आसानी से आपका जमा धन मिल सके.

आपको यह लेख कैसा लगा? अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएँ. धन्यवाद.

एक नई शुरुआत ....



'वरिष्ठ नागरिक जागरूकता' ब्लॉग की शुरुआत

प्रिय मित्रों,

अभिवादन.

'वरिष्ठ नागरिक जागरूकता' ब्लॉग की शुरुआत निम्न उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए की जा रही है:
- वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित समाचार, लेख और अन्य प्रासंगिक जानकारी ब्लॉग में दी जाएगी.
- वरिष्ठ नागरिकों के हित में काम कर रही संस्थाओं की जानकारी देने का प्रयत्न किया जाएगा.
- वरिष्ठ नागरिकों को सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ब्लॉग में दी जाएगी.

आशा है कि आपको यह ब्लॉग पसंद आएगा. आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी.

वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित संस्थाओं के पदाधिकारियों से निवेदन है कि वे हमें ईमेल द्वारा संबंधित जानकारी भेजे, ताकि प्रासंगिक जानकारी इस ब्लॉग में सम्मिलित की जां सके.

शुभकामना सहित,

आपका,

केशव राम सिंघल